गणपती बाप्पा मोरया मंगलमूर्ती मोरया
गणपती बाप्पा, हिंदू धर्म के देवता गणेश का प्राचीन एवं प्रमुख नाम हैं। वे विघ्नहर्ता और विद्यापति के रूप में जाने जाते हैं, जो शुभ और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। गणपती बाप्पा को श्री गणेश, विघ्नेश्वर, गणाध्यक्ष आदि नामों से भी जाना जाता है।
गणपती बाप्पा मोरया मंगलमूर्ती मोरया
उन्हें गजानन, एकादंत, लंबोदर, सिद्धिविनायक, विघ्नराज, लम्बकर्ण, वक्रतुण्ड, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, विनायक, नागध्यक्ष, गणपति, गौरीपति आदि नामों से भी बुलाया जाता है।
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उनकी पूजा भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती है और वे विभिन्न उपासना पद्धतियों में पूजे जाते हैं। उन्हे विवाह, यात्रा, नई शुरुआतें आदि में प्रार्थना के रूप में बुलाया जाता है। गणेश चतुर्थी उनके जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और अन्य क्षेत्रों में विशेष आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
गणपती बाप्पा के एकादश रूप माने गए हैं, जो भगवान गणेश के प्रमुख रूपों को प्रस्तुत करते हैं। ये रूप भक्तिकाल में प्रचलित हैं।गणपती बाप्पा, भारतीय हिन्दू धर्म में प्रसिद्ध देवता हैं, जिन्हें विघ्नहर्ता और विद्यापति के रूप में पूजा जाता है। उन्हें विभिन्न संदर्भों में पूजा जाता है, जैसे विद्या, बुद्धि, और समृद्धि के प्रति श्रद्धा में गणेश जी का महत्व विशेष है। उनकी पूजा विभिन्न धार्मिक आदान-प्रदान और समाजी उपयोगों के साथ विभिन्न भाग्यों में मनाई जाती है, विशेषकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी पर।
गणपती बाप्पा के विविध पौराणिक कथाओं में इनके ने कई दानवों का वध किया है, पर उनकी संख्या को निर्धारित करना अध्ययन और संस्कृति के अनुसार भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, एक प्रमुख कथा में गणपती बाप्पा ने दानव महासुर का वध किया था।गणपती बाप्पा मोरया मंगलमूर्ती मोरया
"दंत्ये" का अर्थ संस्कृत में "दांतगणपती बाप्पा मोरया मंगलमूर्ती मोरया होता है और "गणपती बाप्पा" को इसके कारण दंत्ये कहा जाता है क्योंकि उनके मूर्तियों में वे एक योगी या तपस्वी रूप में प्रस्तुत होते हैं, जो उनके दांतों की प्रतिष्ठा और उनके शक्ति स्वरूप का प्रतिष्ठान के साथ संबंधित हैं।
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